सांप कटने से दुनियाभर में होने वाली मौतों की संख्या में भारत सबसे आगे है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हर साल 83,000 लोग सांप के दंश का शिकार होते हैं और उनमें से 11,000 की मौत हो जाती है। सांप कटने से दुनियाभर में होने वाली मौतों की संख्या में भारत सबसे आगे है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हर साल 83,000 लोग सांप के दंश का शिकार होते हैं और उनमें से 11,000 की मौत हो जाती है। मौत का सबसे बड़ा कारण है तुरंत प्राथमिक उपचार न होना। भारत में सांपों की लगभग 236 प्रजातियां हैं। इनमें से ज्यादातर सांप जहरीले नहीं होते।
आम धारणा है कि सभी सांप खतरनाक होते हैं, लेकिन ऐसे सांपों के काटने से सिर्फ जख्म होता है, मौत दहशत के कारण हो जाती है। देश में जहरीले सांपों की 13 प्रजातियां हैं, जिनमें से चार बेहद जहरीले होते हैं- कोबरा (नाग), रस्सेल वाइपर, स्केल्ड वाइपर और करैत। देश में सबसे ज्यादा मौतें नाग या गेहुंवन व करैत के काटने से होती हैं।
आईएमए के ऑनरेरी सेक्रेटरी जनरल डॉ. के.के. अग्रवाल बताते हैं कि हम सभी को सांप के काटने पर प्राथमिक उपचार की जानकारी होनी चाहिए। उचित समय पर सही इलाज सांप से होने वाली मौत को टाल सकता है।